इंकलाब: गोरख पांडेय
गोरख पांडेय का जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के पंडित के मुड़ेरवा गांव में सन् 1945 में हुआ था। उनका किसान आन्दोलन से प्रत्यक्ष जुड़ाव रहा। उनकी कविताएं हर तरह के शोषण से मुक्त दुनिया के लिए आवाज उठाती रहीं। गोरख के अंदर का कवि ही नहीं उनके अंदर का इंसान भी क्रांतिकारी प्रवृत्ति का था। शोषित-दमित वर्ग के लिए उनके मन में जो था वो उनकी कविताओं में साफ़ दिखता है। सत्ता से हर कदम टकराने और मजदूरों के हक़ में खड़े रहने माद्दा उनमें कूट-कूटकर भरा था -
हमारी ख्वाहिशों का नाम इन्क़लाब है
हमारी ख्वाहिशों का सर्वनाम इन्क़लाब है
हमारी कोशिशों का एक नाम इन्क़लाब है
हमारा आज एकमात्र काम इन्क़लाब है!..
सुनो कि हम दबे हुओं की आह इन्कलाब है,
खुलो कि मुक्ति की खुली निग़ाह इन्क़लाब है..
चलो,बढ़े चलो युग प्रवाह इन्क़लाब है!
#गोरख_पांडेय